Details, Fiction and sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
Salutations on the Goddess who has the shape of root chants Who by the chant “Intention” has the form on the creator Who from the chant “Hreem” has the shape of 1 who normally takes treatment of every little thing And who via the chant “Kleem” has the shape of passion
aiṃ hrīṃ klīṃ chāmuṇḍāyai vichchē jvala haṃ saṃ laṃ kṣaṃ phaṭ svāhā ॥ 5 ॥
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने website के समान पुण्य मिलता है।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
येन मन्त्र प्रभावेण, चण्डी जापः शुभो भवेत।।
पाठ मात्रेण संसिद्धयेत् कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।।
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।। । इतिश्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वती संवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।